tag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post1118824630687771458..comments2023-11-02T09:04:34.526-07:00Comments on छोटीगली... Chhotigali: लाल सलाम के क़त्लेआम की वजहचन्दन कुमारhttp://www.blogger.com/profile/10262314277358804438noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-91265140553319353452009-10-23T22:07:21.064-07:002009-10-23T22:07:21.064-07:00ये तो सही है कि पहले हमें ख़ुद को सुधारना होगा, ले...ये तो सही है कि पहले हमें ख़ुद को सुधारना होगा, लेकिन हम जीने के लिए यदि सुविधाएं ही नहीं मिलेंगी तोAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-42677995341613464572009-10-23T11:16:00.876-07:002009-10-23T11:16:00.876-07:00भाई साहब , केवल सरकार को दोष देना छोड़ना होगा , हम...भाई साहब , केवल सरकार को दोष देना छोड़ना होगा , हम भी दोषी हैं , जब तक दिकत में रहते हैं तो सबकी दिक्तें नज़र आती हैं , ये तो हम सभी जानते हैं की हमारा राजनीतिक समाज कितना भ्रस्त है , पर ये राजनीतिक समाज हमारे बीच का ही है , और उसमे ये नक्सली जो की मार्क्सवादियों , लाल झंडे वालों का उग्र संगठन है , इनकी भी तो सरकार थी कई सालों से पश्चिम बंगाल , केरल में वहां के लोग क्या बड़े सुखी हैं , वहां गरीबी मिट गयी ,ये सब केवल लोकतंत्र को हटाकर अपनी सरकार बनानाचाहते हैं , अगर इतनी ही फिक्र है गरीबों की तो क्यों नहीं उनके प्रतिनिधि बनकर सामने आते , दरसल इन्हें गरीबों की नहीं अपनी फिक्र है , अगर किसी भले आदमी को गरीबी हटानी है तो क्यों नहीं गलत लोग जो सत्ता में बैठे हैं उनके खिलाफ आता , ये हिंसा का कौन सा तरीका है , और जो लोग मर रहे हैं वो क्या राजा के बेटे हैं .अगर देश को सुधारना है तो पहले खुद को सुधारना होगा .<br /><br />धन्यवाद .timeforchangehttps://www.blogger.com/profile/16855831895010927011noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-78608962492443881072009-10-23T02:54:23.372-07:002009-10-23T02:54:23.372-07:00शरद जी की बातो से मै भी सहमत हूँ.......शरद जी की बातो से मै भी सहमत हूँ.......ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-81909768524614632772009-10-23T02:09:48.806-07:002009-10-23T02:09:48.806-07:00समस्या के बारे में लिखना बहुत आसान है | मैं भी पचा...समस्या के बारे में लिखना बहुत आसान है | मैं भी पचास कहानियाँ लिख सकता हूँ, मगर जरूरत है कि आप उसके समाधान के बारे में लिखें | तुलसीदास ने भी लिखा है, "पर उपदेश कुशल बहुतेरे !"Sachihttps://www.blogger.com/profile/04099227991727297022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-41745034618708730572009-10-23T01:55:19.081-07:002009-10-23T01:55:19.081-07:00इसे समस्या समझने वालों और न समझने वालों के बीच ही ...इसे समस्या समझने वालों और न समझने वालों के बीच ही तो सम्वाद की ज़रूरत है ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.com