tag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post4534408775198787547..comments2023-11-02T09:04:34.526-07:00Comments on छोटीगली... Chhotigali: किस्सा लोकतंत्र काचन्दन कुमारhttp://www.blogger.com/profile/10262314277358804438noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-65406211998698282742010-02-13T10:55:46.881-08:002010-02-13T10:55:46.881-08:00अपना अपना हिस्सा ले जाइये क्योंकि आप भी इस देश के ...अपना अपना हिस्सा ले जाइये क्योंकि आप भी इस देश के जिम्मेदार नागरिक हैं और आपका हक है हिस्सा बांटने का.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-27978738746523911352010-02-13T05:31:21.252-08:002010-02-13T05:31:21.252-08:00ऐसा लोकतन्त्र भी किस काम का जो देश को तोडने वाले ...ऐसा लोकतन्त्र भी किस काम का जो देश को तोडने वाले स्वरों को दबा न सके।ौर किसी ताकतबर के या नेता के खिलाफ बोलने वाले को कुचल दे इसे लोक तन्त्र कैसे कह सकते हैं।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2803859918603227768.post-2742300821771487292010-02-13T05:11:10.922-08:002010-02-13T05:11:10.922-08:00hm bas ram ram kar sakte hain
माननीय ,
जय हिंद
म...hm bas ram ram kar sakte hain<br /><br />माननीय ,<br />जय हिंद <br />महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर यह <br /> शिवस्त्रोत <br /> <br />नमामि शमीशान निर्वाण रूपं <br />विभुं व्यापकं ब्रम्ह्वेद स्वरूपं <br />निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं<br />चिदाकाश माकाश वासं भजेयम <br /> निराकार मोंकार मूलं तुरीयं <br />गिराज्ञान गोतीत मीशं गिरीशं<br />करालं महाकाल कालं कृपालं <br />गुणागार संसार पारं नतोहं <br /> तुषाराद्रि संकाश गौरं गम्भीरं . <br />मनोभूति कोटि प्रभा श्री शरीरं <br />स्फुरंमौली कल्लो लीनिचार गंगा <br />लसद्भाल बालेन्दु कंठे भुजंगा<br /> चलत्कुण्डलं भू सुनेत्रं विशालं <br />प्रसन्नाननम नीलकंठं दयालं<br />म्रिगाधीश चर्माम्बरम मुंडमालं <br />प्रियम कंकरम सर्व नाथं भजामि <br /> प्रचंद्म प्रकिष्ट्म प्रगल्भम परेशं <br />अखंडम अजम भानु कोटि प्रकाशम <br />त्रयः शूल निर्मूलनम शूलपाणीम <br />भजेयम भवानी पतिम भावगम्यं <br /> कलातीत कल्याण कल्पान्तकारी <br />सदा सज्ज्नानंद दाता पुरारी <br />चिदानंद संदोह मोहापहारी <br />प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी<br /> न यावत उमानाथ पादार विन्दम <br />भजंतीह लोके परे वा नाराणं <br />न तावत सुखं शान्ति संताप नाशं<br />प्रभो पाहि आपन्न मामीश शम्भो .alka mishrahttps://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.com