नेपियर में टीम इंडिया की हालत देखकर तो यही लग रहा है की हम हमेशा ही
आत्ममुग्ध हो जाते हैं।
पहला टेस्ट जीतने के बाद जो हालत है इंडिया की उससे तो यही लगता है। यहाँ तक की टीम फौलो ऑनभी नहीं बचा सकी। सबसे बड़ी कमजोरी तो बौलिंग के के क्षेत्र में रही और कैच टपकाना तो हमारी आदत है ही। नहीं तो ये हालत नहीं होती। न्यूजीलैंड की टीम न इस विशाल स्कोर तक पहुँचती न ही हमें फौलो ऑन खेलना पड़ता। अब इंडिया पर हार के खतरे का बादल मडराने लगा है।ये हालत तो उस समय से है जब भी हम विदेशी पिचों पर खेलने जाते है। हमेशा लगता है की इस बार तो हम उस फोबिया से बाहर निकल आयें है जब कहा जाता था की हम विदेशी पिचों पर नहीं जीत सकते। लेकिन हमने जीतना शुरू किया, उसके बाद कुछ ज़्यादा आत्ममुग्ध हो जाते हैं और अपनी कोशिशों को कम कर देतें हैं।
badiya likha hai lagatar likh bhai
ReplyDeletebhai achcha hai lagatar likhta reh
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