चलो एक बार फिर जी लें हम साथ-साथ,
न कोई आशा न उम्मीद हो दफ़न दिल में
कभी खुश तो कभी ग़मी में जीना अब छोड़ दें।
चलो चाहत की इस दुनिया को
एक बार फिर से गुलज़ार किया जाए।
किसी मोहब्बत एक बार फिर किया जाए।
याद तो आती है गुज़रे पलों की
लेकिन ये पल भी अब हमारा नहीं रहा।
किसी की नज़रों ने इसे भी बेग़ाना बना दिया है।
चलो एक बार फिर सभी
चाहत की दुनिया में जी कर देख लें
बहुत खूब , बधाई ।
ReplyDeleteये चाहत कम न हो।
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