मीडिया है या मंडी

शुरू में मेरा ख्वाब इस फील्ड में आने का नहीं था और ना ही कोई ऐसी तमन्ना थी। लेकिन जब फैसला किया तो उम्मीदें बहुत थी। सोचता था एक ऐसे फील्ड मे जा रहा हूँ जहाँ कुछ करने को मिलेगा। लाख लोग कहते कि आपकी सारी तमन्नाएं धरी की धरी रह जाएंगी, चाह कर भी आप वो नहीं कर सकते जो करना चाहते हैं। मैं यकीन नहीं करता इन बातों पर। लेकिन जब रू-ब-रू हुआ इस फील्ड से तो मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गया। अगर मैं इसकी ख़ूबियों को बताना चाहूँ तो यकीन मानिए आप भी कह उठेंगे मीडिया है या मंडी.........सबसे पहले शुरू करता हूँ निचले दर्जे से।

इंटर्न जो बॉस की हर बात पर टर्न करे। ट्रेनी रिपोर्टर जो रपट दे कि कहाँ उसकी रात गुजर सकती है। दरअसल यहाँ रिपोर्टर वो होता है जो अपने बॉस के लिए शराब के साथ शबाब की भी रिपोर्ट दे, चाहे किसी न्यूज़-स्टोरी की रिपोर्ट दे या न दे। अब बात एंकर की तो एक बार कहीं पढ़ा था, वेस्टर्न कंट्री में कुछ दिनों तक ये चला था कि एंकर हरेक न्यूज़ के साथ-साथ अपना एक-एक कपड़ा भी उतारती थी, ज्यादा व्यूरशिप के लिए। हालाँकि बाद में इसकी काफी आलोचना हुई और ये बंद हुआ। लेकिन हमारे यहाँ ये चलता है, बस थोड़ा पैटर्न बदल गया है। यहाँ कपड़ा बिग-बॉस के बेड पर उतरता है। तभी रातों-रात एक बकवास-सी न्यूज़ पढ़ने वाली महिला एंकर हर रोज टी वी स्क्रीन पर दिखती है। न कोई न्यूज़ सेंस न ही नॉलेज फिर भी मेरिट वालों से सौ मिल आगे। क्योंकि काम नहीं "काम" बोलता है। रही बात ख़बर की तो हम सोचते हैं ये न्यूज़ चैनल हैं तो जनाब ग़लतफ़हमी में रहना छोड़ दीजिए....हमारा ये भ्रम है। दरअसल विज्ञापन के लिए न्यूज़ चलती है न कि न्यूज़ के लिए विज्ञापन। आप पैसा दीजिए जैसी न्यूज़ चाहेंगे वैसी चलेगी....
यहाँ हर वो बात होती है, सिवाय उसके जो मीडिया का लक्ष्य है। हालाँकि कुछ अपवाद ज़रूर हैं।

अगले अंक में.......जारी

4 comments:

  1. भाई सच ज़्यादा ज़ोर से नहीं बोलते वरना आवाज भी चली जाती है और सिर भी. वैसे बुरा न मानो तो एक बात कहूं जब भी कोई(सिर्फ तुम नहीं)मीडिया की बुराई कर सो कोल्ड आत्म चिंतन करता है तो मुझे बड़ी कोफ्त सी होती है. जो तुम कह रहे हो हर फील्ड में होता है बस हमारे यहां चिलपों कुछ ज़्यादा है वैसे भी यह पूरा फील्ड ही चिलपों मचाने का है. नथिंग इज परफेक्ट बट प्लीज़ डोंट मेक इट ए हैबिट टू प्वाइंट फिंगर्स एट एवरी इमपर्फेक्शन....आशा है अन्यथा न लोगे.

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  2. are mere bhai, itni jaldi koft hone lagi...thoda sabr kariye sahab...ye patrakaarita ka rang hai chadhte chadhte aap par bhi asar dikha hi dega...dnt take load...
    aadat pad jayegi.. and one day..u will also b the boss...so, enjoy now
    ALOK SINGH "SAHIL"

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  3. मुझे कोई समस्या नहीं है, लेकिन ये हक़ीक़त है. हाँ, कोई भी परफेक्ट नहीं होता लेकिन इसका मतलब ये भी नही कि हम हमेशा अपनी बुराइयों से चिपके रहें, उसे प्यार करते रहें। ख़ैर आपने जो कहीं मैं उससे सौ फ़ीसदी इत्तेफाक रखता हूँ.............

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  4. boss ki har baat par tarn lene vala jald hee u tarn le leta hai

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