अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के दो मज़बूत और शक्तिशाली स्तंभ। एक दूसरे के चीर प्रतिद्वंद्वी. जहां क्रिकेट का मैदान भी युद्ध का मैदान नज़र आता है. एक टी-20 का पूर्व तो दूसरा मौजूदा चैंपियन, लेकिन आजकल दोनों की हालत खस्ता है. पहले का खिलाड़ी पैसे और ग्लैमर की चकाचौंध में खो गया है तो दूसरा अपने अंदरूनी कलह की वजह से ही परेशान है. अब आपके लिए अंदाज़ा लगाना आसान हो गया होगा कि हम किसकी बात करे रहे हैं? यह कहानी है दुनिया के उन दो देशों की जो क्रिकेट के लोकप्रिय गढ़ माने जाते हैं. हम बात कर रहे हैं भारत और पाकिस्तानी क्रिकेट में आए भूचाल की. इसे भूचाल ही कहना ज़्यादा बेहतर होगा क्योंकि भारतीय खिलाड़ी हैदराबाद में हार के बाद भी जश्न मनाते नज़र आते है तो पाकिस्तानी कप्तान को यह कहना पड़ता है कि उसके हाथों में टीम की कमान तो है, लेकिन खिलाड़ियों पर उनका कोई काबू नहीं है. यही वजह है कि पाकिस्तानी कप्तान थकान का बहाना बनाकर कप्तानी के पद से अपना इस्ती़फा देते हैं. यह उस खिलाड़ी की दास्तां है जिसे संन्यास की घोषणा के बदले टीम की बागडोर मिली थी. शायद यह पाकिस्तान की नियति ही है, जो देश अपने वजूद में आने के समय से ही उथल पुथल में जी रहा है, वहां क्रिकेट जैसे खेलों में इस तरह की बातें बेहद ही आम है. यह हैरान करता है कि जो टीम तेज़ गेंदबाजों का गढ़ माना जाता है, उनके गेंदबाज़ न तो कोई करतब दिखाते नज़र आ रहे हैं और न ही टीम को जीत दिला पा रहे हैं. वहीं भारत की बात करें तो बल्लेबाज़ी के दम पर विरोधियो को पस्त करने वाली टीम के धाकड़ खिलाड़ियों को चंद रन बनाने में ही पसीने छूट रहे हैं. मानों ये सभी क्रिकेट नहीं अजब खेल के गज़ब खिलाड़ी हैं. भारत और पाकिस्तान की समस्याएं एक हैं, लेकिन उनके पहलू और कसूरवार अलग-अलग. पाकिस्तानी क्रिकेट जहां अपने प्रशासकों और खिलाड़ियों के ग़ैर ज़िम्मेदार रवैये से पतन की गर्त में जा रहा है तो भारतीय क्रिकेटर पैसे और ग्लैमर की चकाचौंध में खोते जा रहे हैं. दोनों ही टीमों ने अपने आख़िरी सीरीज़ में हार का स्वाद चखा है. दोनों टीमों ने अपने आखिरी सीरीज़ में हार का स्वाद चखा है और आगे भी डगर आसान नहीं है. यदि सबकुछ ऐेेसे ही चलता रहा तो दोनों देशों में क्रिकेट के लिए कयामत आने से भी इनकार नहीं किया जा सकता. विश्वकप के तारीखों का बिगुल बच चुका है और इनकी तैयारियां क्या गुल खिला रही हैं, ये भी सभी के सामने है. पिछले विश्वकप में दोनों का प्रदर्शन बेहद ही निराशा जनक रहा था फिर भी ये दोनों टीमें अपने इतिहास से सबक लेते नज़र नहीं आ रहे हैं, ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि यदि एकबार फिर पिछले विश्वकप की तरह ख़ुद को दोहराए तो कतई आश्चर्य नहीं.
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