नक्सलवाद की राम कहानी

होती हैं बड़े लोगों की बड़ी बातें,
उनके सामने सब छोटे हो जाते.
जुबां ख़ामोश ही रखो अपनी
बरख़ुरदार हो जाओगे बर्बाद नहीं तो.
चारों ओर हा-हाकार मचा है, नक्सलवाद का.
पीएम, सीएम सब सर खपा रहे हैं
फिर भी कुछ हो नहीं पाता है.

सुबहो-शाम इसी मगन में रहते हैं,
कि कब कसेगा नकेल नक्सलवाद पर.
लाखों-करोड़ों के होटल में रहने वाले,
पॉलिसी बनाते हैं फकीरों की.
शहीद हो गया फ्रांसिस झारखंड में,
लड़ते-लड़ते नक्सलियों से,
नहीं मिली थी उसको लेकिन
सैलरी 6 महीने से.

कैसे कहते हैं हम लड़ पाएंगे
ऐसे नक्सलवाद से.
इसी विषमता के लिए लड़ रहे हैं नक्सलवादी,
पुलिस भी है शिकार उसी विषमता का.
फिर भी हो गया शहीद फ्रांसिस
करके नेताओं को आबाद. बनने लगी हैं फिर से नीतियां,
लड़ने नक्सलवाद से, देखें क्या-क्या होता है.
यह नकस्लवाद कितना बढ़ाता है.
क्योंकि, जब-जब होता हैं कुर्बान कोई
नेता करते हैं ऐलान कोई.
सुना दिया है फरमान इन्होंने,
नहीं करेंगे बर्दाश्त अब,
ऐसे नक्सलवाद को.
अमां मियां पहले करलो काम कोई.

1 comment:

  1. तुमने कह दी दिल की बात, एसे कभी नहीं मिटेगा नक्सलवाद !

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