कुछ चुनावी बातें


मज़बूत नेता, निर्णायक सरकार।
चाहे करना पड़े देश का बँटाधार ।।


२ फ़िर चुनाव की बारी आई है।
साथ में तीसरा और चौथा मोर्चा साथ लाई है॥

३ ये वादा, वो वादा!! हर वादा
चुनाव के पहले तेरा वादा!!!
कसमे वादे निभाएंगे हम,

गरीबी दूर भगायेंगे हम,
आपको रोज़गार दिलाएंगे हम,
लेकिन, कसमे वादे ........सब बातें हैं ,बातों का क्या????


४ गाँव के गरीबों को, शहरों के अमीरों को
एक ये पैगाम है
वोट डालना, आपका जन्मसिद्ध अधिकार है।


साम्प्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता का चला ये नया खेल है,
कुछ अनुभवी तो कुछ खिलाडी जोश और उमंग से लबरेज़ हैं।

एक ऐसा खेल जो फाउल पर भी नंबर लाता है,
कल का सांप्रदायिक ,आज धर्मनिरपेक्ष बन जाता है।
मुसलमानों के हाथ काटने वालों पर, रोड रोलर चलवाता है।।


चलते-चलते ,

६ कांग्रेस का हाथ , आम आदमी के साथ।
जॉब की छटनी, सेंसेक्स की ढलान,
फ़िर हो आम आदमी के चहरे पर मुस्कान।




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