नया साल...नई उम्मीदें। कई लोगों की बधाइयां मिली...अच्छा लगा बुरा भी...नए साल की बधाई का बुरा क्या लगेगा...यह ऐसा शहर है कि दिल मिले न मिले लोग हाथ ज़रूर मिलाते हैं...साल की शुरुआत श्रीलंकाई टीम पर आतंकवादी हमले से हुई...आख़िर में भी २६/११ बरसी हम मनाते रहे। प्रधानमंत्री अमेरिका से कोपेनहेगन तक घूमते रहे...जनता महंगाई में पिसती रही...वह कहते रहे आर्थिक मंदी का भारत पर कोई असर नहीं पड़ा...लोगों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाता जाता रहा...टीम इंडिया वनडे में बिना कुछ किए नंबर एक पर पहुंच गई...टेस्ट में उसकी मेहनत रंग लाई यहां भी पहले पायदान पर वह पहुंची... बिना मेहनत से ख़ून भी पानी हो जाता है...टीम इंडिया के वनडे के नंबर एक का ख़िताब भी छिन गया...सचिन वनडे में सत्रह हज़ारी बने पर १७५ रनों की ऐताहिसक पारी खेलने के बावजूद कंगारूओं के ख़िलाफ़ टीम को जीत नहीं दिला सके फिर भी वह एक महान खिलाड़ी हैं...इसी साल क्रिकेट करियर में उन्होंने २० साल का सफ़र तय किया...प्रभाष जोशी शायह सचिन की हार्ट अटैक वाली पारी से ही गुज़र गए...हमने अभी तक जीवित एकमात्र सही और सच्चे पत्रकार को भी गंवा दिया...मीडिया में मायाजाल चलता रहा...राखी का स्वयंवर...सच का सामना....और अब राज़ पिछले जन्म का चल रहा है....राठौर ने रुचिका को आत्महत्या करने पर विवश किया...पर वह १९ सालों बाद भी जेल नहीं पहुंच सका...सरकार उसका सत्कार करती रही...मीडिया में ख़बरे इस साल बनी नहीं बनाई गई...कोई घटना घटी नहीं उसे घटने दी गई...पूर्वोत्तर इस साल भी हिंसा की आग में जलता रहा...सरकार सोई रही...हम भी खामोश रहे...साल के आख़िर में सबसे अधिक युवा वाले देश में एक ऐसी फिल्म आई जिसने युवाओं को झकझोड़ दिया...भाजपा का भी युवा चेहरा सामने आ गया...गडकरी ने गद्दी संभाल ली...हत्या, भ्रष्टाचार के आरोप में सोरेन का इस्तीफ़ा मांगने वाली बीजेपी झारखंड में आदर्शों और जनता को ठेंगा दिखाते हुए सोरेन के साथ हो गई...आख़िर दुनिया में आबादी बढ़ती जा रही है...ग्लोबल वार्मिंग का मसला छाया रहा लोग बढ़ते जा रहे हैं...समस्याएं भी बढ़ीं....फिर भी उम्मीद है नया साल ख़ुशियों की नई सौगात लेकर आएगा.....मीडिया में बनाई गई और घटाइ गई ख़बरे नहीं देखने को मिलेंगी...अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री देश के सभी लोगों की ज़िम्मेदारी उठाएंगे...
नए साल की ढेर सारी शुभकामनाएं.........
पूरा लेखा जोखा २००९!!
ReplyDeleteवर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
Good analysis of d year 2009..Wish dis year brings some change in our system...
ReplyDeleteRegards..
i think i should not wishforsome changes in our system we should move ahead for changes
ReplyDelete