एक खाब अधूरा-सा

आज दिल उदास क्यों है ,
हर चीज़ तो है पास पर किसी की तलाश क्यों है ?
न जाने किसकी तलाश में निकला था
वो दूर है हमसे, पर उसका एहसास हरपाल साथ क्यों है ?
फासला ज़मीन और आसमां के बीच है,
फ़िर भी आसमां ज़मीं की प्यास बुझाता क्यों है ?
शिद्दत से इंतजार करता हूँ ऐसा कह नहीं सकता
पर ये भी सच है बिना तेरी यादों की एक पल भी नहीं गुजरता ।
लेकिन अब लगता है वो रिश्ता भी कमजोर हो रहा है,
बिना तेरे ये दिल जीने को मजबूर हो रहा है ।
कब तक करे कोई इंतजार उस पल का
जब न हो बाकी कोई अरमां उसके हबीब का ।

5 comments:

  1. कब तक करे कोई इंतजार उस पल का
    जब न हो बाकी कोई अरमां उसके हबीब का ।

    -बढ़िया है.

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