अल्लाह पर किसका हक़ है?

मलेशिया में इन दिनों एक नया विवाद सुर्ख़ियों में है. विवाद अल्लाह से जुड़ा है. वहां मलय जाति समूह के लोग कैथोलिक ईसाइयों द्वारा अल्लाह शब्द के इस्तेमाल को लेकर विरोध कर रहे हैं. इन लोगों को लगता है कि अल्लाह शब्द का इस्तेमाल सिर्फ़ वही कर सकते हैं, न कि कैथोलिक ईसाई. अधिकारों के इस लड़ाई की सुनवाई कोर्ट में भी हुई. और कोर्ट ने भी ईसाइयों को अल्लाह शब्द के इस्तेमाल की इजाज़त दे दी थी. हालांकि सरकार ने कोर्ट के फ़ैसले को ख़ारिज़ कर दिया. सरकार ने सर्वोच्च कोर्ट के फ़ैसले को चुनौती देने के इरादे से ऐसा नहीं किया है. बल्कि सारा विवाद भावनात्मक तौर पर इस क़दर उलझ चुका है कि इसे राजनीतिक तौर पर सुलझाना मुश्किल हो रहा है.
सारा विवाद उस व़क्त सामने आया जब एक चर्च ने गॉड (ईश्वर) शब्द का अनुवाद अल्लाह शब्द के तौर पर किया. इस विवाद की वजह से हिंसा भी हुई. कुछ दिन पहले तीन चर्चों पर हमला किया गया. साठ के दशक मलयों और चीनियों के बीच हुई हिंसक घटनाओं को छोड़ दें, तो कुल मिलाकर वहां हमेशा शांति बनी रही है.
लेकिन, एकबार फिर मलय-ईसाई एवं मलय-हिंदुओं के बीच संबंध बिगड़ने लगे हैं. इसी से तनाव पैदा हुआ है. जब ईसाइयों ने अल्लाह शब्द का इस्तेमाल किया तो मलयों ने इसकी मुख़ालफ़त की. उनके मुताबिक़ इससे भ्रम’ की स्थिति पैदा होगी. वहीं ईसाई मिशनरी के मुताबिक वे अल्लाह शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह उनका अपना तर्क हो सकता है. पर दिक्कत यह है कि कुछ राजनेता इन विवादों को अपने फ़ायदे के हिसाब से भुनाना चाहते हैं.
दरअसल, जो लोग ईसाइयों द्वारा अल्लाह शब्द के इस्तेमाल का विरोध कर रहे हैं, उनके पास विरोध की वाजिब वजह नही है. अल्लाह एक हैं और उसने हम सभी को बनाया है. इसलिए इसके इस्तेमाल पर किसी एक मजहब का हक़ नहीं हो सकता है. यदि ग़ैर मुसलमान भी गॉड या ईश्वर के लिए अल्लाह शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो मुसलमानों को इसका स्वागत करना चाहिए. उन्हें यह समझना चाहिए कि इसके ज़रिए लोग इस्लाम को समझने की कोशिश कर रहे हैं, न कि इस्लाम पर अपना कब्जा कर रहे हैं. इसलिए होना तो यह चाहिए कि मलयों को उदारवादी बन कर इस्लाम के उदार चेहरे से लोगों को वाक़िफ करांए. आज जबकि हर तरफ आतंकवाद की बात हो रही है और लोग आतंकवाद का मतलब इस्लामिक आतंकवाद से ही लगा रहे हैं, जो कि कतई सही नहीं है. ऐसे में इस तरह के नज़ीर से सकारात्मक संदेश लोगों तक पहुंच सकेगा.

साभार...न्यू एज़ इस्लाम

4 comments:

  1. Achhi Bat kahi hai aapne swagat hai yase vicharo ka

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  2. छोटी गली में पहली बार घुसा, लेकिन निराश नहीं हुआ।

    हर जगह कोई न कोई समस्या चल रही है।
    वैसे देखें तो सब एक हैं जैसे कि
    Ramjan- Ram
    Diwali- Ali

    राजू बन गया 'दी एंग्री यंग मैन'

    बाजारवाद में ढलता सदी का महानायक

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  3. सही कह रहे हैं..नाम तो कोई भी ले, क्या परेशानी होनी चाहिये.

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  4. गली चाहए छोटी हो मगर बात बहुत बडी है सही कहा आपने शुभकामनायें

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