दिल्ली है या गड्ढा

गुलाल फिल्म के गाने की दो लाइनें याद आ रही हैं. " जिस कवि की कल्पना में जिन्दगी हो प्रेम गीत, उस कवि को आज तुम नकार दो." दरअसल, मै कहना कुछ और चाहता हूँ. पर उसके लिए भूमिका बांधना बेहतर नहीं समझता. बात नक्सलियों की है. हर दफा कोई बड़ा हादसा होता है, मीडिया वाले उसे सुर्खियाँ बनाते हैं, लोगों में नक्सलियों के प्रति नफ़रत की भावना जगती है. सरकार भी यही चाहती है. यही वजह है कि वह इस गंभीर समस्या से निपटने के बजाय आग में घी डालने का काम करती है. यहाँ एक बात और कहना चाहूँगा कि हमारा देश, प्यारा भारत विविधताओं का देश है. अब तक मै इसे स्कूलों में पढता आ रहा था. पर अब चन्द अनुभवों के बाद अब लग रहा है, नहीं वाकई हमारा देश विविधताओं का देश है. यहाँ इतनी समस्याएँ हैं फिर भी लोग मजे से रहते हैं. लोगों को दो वक़्त कि रोटी नसीब नहीं होती फिर भी हँसते हुए जिन्दगी गुजरती है. भारत नमक इस महान मुल्क में कई मजहब के लोग रहते हैं, वह भी साथ-साथ. आपस में दंगे होते है. कोई बात नहीं, एक परुवार में झगड़े कहाँ नहीं होते हैं. कहते भी हैं, झगड़ा से मोहब्बत बढ़ता है. हालाँकि यह अलग बात है कि इस मोहब्बत बढ़ने के कारोबार में बेगुनाहों को अपनी जान गवांनी पड़ती है. एक बात और कि इस तरह कि मोहब्बत बढाने में हमारी राजनीति और नेता विशेषज्ञ माने जाते हैं. यानी कुछ बात है हस्ती मिटती नहीं हमारी, वह बात कौन सी है, पता नहीं. पर कुछ बात है जों हमारी हस्ती मिटने  नहीं देती है. लोग भूखे सोते हैं, फिर भी उनकी हस्ती नहीं मिटती है. आजकल एक और काम हो रहा है. राष्ट्रमंडल खेलों कि तैयारियां जोरों से चल रही हैं. देश कि राजधानी दिल्ली में यह खेल तक़रीबन दो महीने बाद होना है. लेकिन दिल्ली को पेरिस बनने का दावा करने वालों ने इसकी जों हालत कर राखी है, उससे यह हडप्पा और मोहनजोदड़ो ज्यादा लग रही है. कहने का मतलब यह कि...यहाँ खुदा है, वहां खुदा है, जहाँ नहीं खुदा है, वहां कल खोदने कि तैयारियां चल रही हैं. हर जगह एक साजिश चल रही है. आम आदमी के पैसों पर चांदी काटने वाले हर तरफ नज़र आ रहे हैं. लोगों को उनके हक से महरूम करने वाले जिन्दगी से भी जुदा करने कि साजिश रच रहे हैं. इसके बावजूद दावा यह कि यह सब उनकी खातिर ही हो रहा है.

3 comments:

  1. स्थिति दुरुस्त नहीं लग रही है।

    ReplyDelete
  2. खुदे हुए को खुदा कहिये
    नहीं खुदा जो वो नाखुदा है

    ReplyDelete
  3. एक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
    आपकी चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं!

    ReplyDelete