इंडियन प्रीमियर लीग का सही मैच अब शुरू हुआ है। क्रिकेट के मैदान से राजनीतिक गलियारे में अब खूब चौक-छक्के लगने लगे हैं। कल तक जो विपक्षी दल नक्सलवाद, महंगाई, गुदरात दंगों में नरेंद्र मोदी से जवाब-तलब, लिब्रहान आयोग, रंगनाथ कमीशन आदि मुद्दों को लेकर संसद तक नहीं चलने देती थी। वह अब आईपीएल का मैच लोकसभा और राज्यसभा में खेलने लगी है। हाल मे सानिया मिर्जा तक को लेकर राजनीतिक पार्टियां ने खूब तमाशा खड़ा किया। मानों भारत में अब गरीबी, बढ़ती महंगाई, कम हो रहे रोजगार के अवसर, आर्थिक मंदी, कॉमनवेल्थ क नाम पर गरीब और निचले तबके का विस्थापन की समस्या से कहीं बढ़कर आईपीएल हो चुका है। सानिया मिर्जा की शादी का मुद्दा बड़ा हो गया है। बात सिर्फ राजनीतिक दलों की ही नहीं है। हमारा मीडिया जिस तरह की खबरें दिखा रहे है, वह भी कम दिलचस्प नहीं है। देश का सबसे तेज चैनल का तमगा लिए घूमने वाला नंबर एक चैनल खबर के नाम पर लोगों का मनोरंजन करती दिखती है। इन खबरिया चैनलों पर मनोरंजन के नाम पर भी भौंडा पर दिखाया जाता है। आधे घंटे के कॉमेडी शो में संवादों के द्विअर्थी मतलब और अधनंगी तस्वीरों में नहाती रियलिटी शो की नायिकाएं। यह सब पड़ोसा जाता है। बात चाहे खुद को सबसे विश्वसनीय कहने वाले चैनल की ही क्यों न हो। उसका तमाशा भी कम नहीं है। कुछ खुलेआम करते है, कुछ बहुत ही चालाकी से और चुपके-चुपके। अपने लाइफ-स्टाइल वाले चैनल से किंगफिशर के कैलैंडर शूट की अधनंगी मॉडल की तस्वीरें ज्यादातर लोगों को भले ही पसंद आता हो, पर इसे वह न्यूज चैनल पर शायद ही देखना चाहते होंगे। यदि देखना भी चाहते हैं तो क्या हमारी यही जिम्मेदारी है। शायद इसी लिए पाकिस्तान में भौडी और खबरों के नाम पर नंगा नाच करने वाले चैनलो पर प्रतिबंध लगाने की बात हो रही है। यह काफी हद तक सही भी है। हमें अपने दुश्मन में हमेसा बुराइयां ही नहीं देखनी चाहिए। राम भी कहा करते थे कि रावण भले ही बुरा है, फिर भी उन्होंने लक्ष्मण को रावण के पास ज्ञान के पास भेजा था।
खैर अब वापस असली मसलों पर आते हैं। देश की बड़ी आबादी को यहां किस तरह बेवकूफ बनाया जा रहा है। जनता को पता हो या न हो पर कुछ लोग तो इस मैदान के बाहर के खेल को भली भांति खेल रहे हैं और अरबों खहरों के वारे-न्यारे कर रहे हैं। पहले कहा जाता था कि एनजीओ के जरिए ब्लैक मनी को व्हाइट बनाया जाता था। अब आईपीएल में 1500 करोड़ तक की टीम की खरीदना किसी के मेहनत की गाढ़ी कमाई होगी। कोई कुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाकर भी कहे तो मुझे यकीन नहीं होगा। आईपीएल क इतना बड़ा दांव भारत में फेंका गया है कि दो वक्त की रोजी रोटी को तड़पने वाले का मामला कहीं खो सा गया है। हमारे मुल्क के गरीब भी अपनी गरीबी, लाचार और बेबस जिंदगी के अभिशप्त है। यह उनके पूर्व जन्मों का पाप है। तभी तो वह गरीब से और गरीब बनते जा रहे हैं। वह अमीरों को अमीर बनाने का काम करते हैं। पर उनकी किस्मत पर किसी ने जैसे कालिख पोत दी हो।
आपकी बातों से पूरी सहमति है।
ReplyDeleteJANDUNIYA JI SE SEHMAT HU
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