भारतीय विदेश राज्यमंत्री शशि थरूर को लेकर विवादों का दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। विपक्षी दलों ने उनको बर्खास्त करने की मांग की है। अब सुना है सरकार इस बरे में सोच भी रही है। पर वह थरूर को हटाने की नहीं, बल्कि उनके लिए एक अलग मंत्रालय बनाने की सोच रही है। विवाद मंत्रालय (controversial affairs ministry)। इस मसले पर सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री से बात भी कर चुकी हैं। आज हमारे देश में सरकार को इस मंत्रालय की सख्त जरूरत है। देश की बुनियादी मुद्दों से आम जनता का ध्यान भटकाने के लिए। विपक्षी दलों को मुद्दा विहीन करने के लिए। अपनी ही सरकार में विरोधी सहयोगियो को निपटाने के लिए। हमारी सरकार इसका बखूबी इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि वह अभी कर भी कर रही है। पर ज्यादा अनुभव नहीं होने के चलते पकड़ में आ जाती है, क्योंकि अक्सर विपक्षी दल आरोप लगा ही देते हैं कि सरकार एक मसले से ध्यान हटाने के लिए दूसरा विवाद खड़ा कर देती है। यह अलग बात है कि विपक्षी दल भी उसी झांसे में आ जाती है।
सुना है शशि थरूर तीसरी शादी करने जा रहे हैं। जिस दिन यह खबर पढ़ी, उसी दिन एक और खबर सामने आई। भारत के किसी राज्य में एक ऐसा भी गांव है, जहां युवक कुंवारे ही बूढ़े हो रहे है। कहते हैं भगवान ऊपर ही जोड़ियों को बनाता है। पर क्या भगवान ने ऊपर थरूर के लिए तीन और इन बेचारों के लिए एक भी नहीं बनाई थी। यह भगवान का भेदभाव है। भगवान भी अब गरीबों और बेसहारों में भेद करने लगा है। कहीं ऐसा तो नहीं कि जिस तरह देश के हुक्मरान और इलीट तबका गरीबों के मूलभूत अधिकारों और जरूरतों पर मुंह मारते आ रहे हैं, अब वह इनके तकदीर में लिखी पत्नियों पर भी हक मारने लगे हैं। तभी तो कोई कुंवारा मर जाता है। कोई तीन-चार शादी करके भी हिम्मत नहीं हारता है। मेरे ख्याल से तो यह गरीबी मिटाने का सबसे कारगर तरीका है। इस तरह न गरीबों की शादी होगी। न उनकी तादाद बढ़ेगी। फिर आने वाले 25-30 वर्षों में गरीब नाममात्र के भी नहीं रह जाएंगे। जो होंगे भी तो उन्हें इलीट तबका म्यूजियम में रख देगें। ताकि भविष्य में अपने बच्चों को भापत का इतिहास बताएंगे तो यह भी बताएंगे कि बेटा पहले इस मुल्क में गरीब नाम की प्रजाति भी होती थी। अब वह विलुप्त हो चुकी है। या फिर जिस तरह आजकल डायनासोर के कई जीवाश्म मिल रहे हैं, उसी तरह गरीबों के जीवाश्म भी मिला करेंगे। एक तरह से गरीब दुनिया से विलुप्त होकर लोगों को रोजगार का अवसर दे जाएंगे। लोग गरीबों के जीवाश्म पर रिसर्च किया करेंगे। एमए. एम फिल, पीएच डी, आदि।
controversial affairs ministry- हा हा!! यह सही रहेगा!
ReplyDeletenice
ReplyDeleteTHAROOR KI CHRCHA IS DESH KE SANSKARON AUR SABHYTAON KO NIMN STAR PAR PAHUCHANE KA KAM KAR RAHA HAI.AISE MUDDON KI CHRCHA SIRF TTHYON AUR SAMAJIK PATAN AUR USSE BACHNE KE UPAYON KE SANDHARBH MAIN KARNA CHAHIYE, NA KI THROOR JAISE LOGON KI LOKPRIYTA KO BADHANE CHAHE WAH KISI BHI ROOP MAIN KYON N HO KO KARNE SE HAR HAL MAIN BACHNA CHAHIYE.KYOKI LOG AB APNE KAMJOR CHRITR KI CHRCHA KO APNI LOKPRIYTA KA SADHAN BANA RAHEN HAIN,JISE HAMEN EKJUT HOKAR ROKNA CHAHIYE.
ReplyDeleteविवाद के बाद विवाह मंत्रालय भी बनाया जा सकता है.
ReplyDeleteanil ji khyal bura nahi hai. yah shodh ka vishaya hai ki bharat me kitne minister aur netaon ke pas ek ya do se jyada biwiyan hain.
ReplyDeletelazwab vyangya
ReplyDeleteसुना है शशि थरूर तीसरी शादी करने जा रहे हैं। जिस दिन यह खबर पढ़ी, उसी दिन एक और खबर सामने आई। भारत के किसी राज्य में एक ऐसा भी गांव है, जहां युवक कुंवारे ही बूढ़े हो रहे है। कहते हैं भगवान ऊपर ही जोड़ियों को बनाता है। पर क्या भगवान ने ऊपर थरूर के लिए तीन और इन बेचारों के लिए एक भी नहीं बनाई थी।]
ReplyDeletechandan babu apke blog ka ye ansh .....ravish baba ne chura kar blog vaara main hindustan main 21 apr ke akhbar me chaap diya hai ........baba ki nazar aap per pad gai hai ...bachcha
thanx batane ke liye
ReplyDelete