महंथजी की सरकार और यूपी पुलिस की लाठियों से छलकती 'मर्दानगी'


लोग सवाल कर रहे हैं... आख़िर कोई पुलिस, जो एक इंसान भी होता है, वह इतना क्रूर और अमानवीय कैसे हो सकता है। आपको उत्तर प्रदेश पुलिस के दानवीय और राक्षसी चेहरे से रूबरू कराने वाले कुछ विडियो से रूबरू कराता हूं। फिर सोचिए यह पुलिस का काम है...या पुलिस अपनी वर्दी का धौंस दिखाकर हैवानियत पर उतर आई है, क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से उस पर काम का दबाव ज्यादा है और ऊपर से पहले जो ऊपरी माल यानी घूस मिलता था वह मिलना बंद हो गया है, जिससे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया है। लेकिन ऐसा कैसे हो सकता है, क्योंकि यही पुलिस अमीरों के घर पर उनके बच्चों के जन्मदिन के मौके पर केक लेकर जा रही है, लेकिन गरीबों के बुजुर्गों को लाठियों से मार रही है। बुजुर्गों को तो छोड़िए, उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गरीब बच्चे को भी नहीं बख्शा है। उसके साथ इतनी हैवानियत भला क्यों? क्योंकि वह गरीब का बच्चा है... शर्म है...
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महोबा पुलिस एक बुजुर्ग की पिटाई करती हुई। अमीरों के बच्चो के लिए यही पुलिस बर्थडे में केक लेकर पहुंच रही है, जबकि गरीबों के बुजुर्गों को लाठियों से स्वागत कर रही है। यही है दोहरा चेहरा सरकार पुलिस का... हालांकि, महोबा पुलिस के ट्विटर अकाउंट से कहा है है कि इस मामले में जांच के साथ कार्रवाई की जा रही है।
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यह वीडियो उत्तर प्रदेश के नोएडा की है। महिलाएं राशन के लिए बाकायदा लाइन में लगी हैं, लेकिन पुलिस आती है और लाइन में लगी महिलाओं पर अपने पौरुष बल का प्रयोग करने लगती है। यह योगी आदित्यनाथ की पुलिस है। जहां नियमों का पालन करने वाले लोगों और महिलाओं को भी पुलिस की लाठी खानी पड़ती है। फिर से कहूंगा कि जो गरीब महिलाएं खुद बाहर आकर बेबसी में राशन ले रही हैं और वह भी लाइन में लगकर, ताकि अपने बच्चों का पेट भर सकें, उन्हें लाठी मिल रही है, जबकि कोठियों और फ्लैटों में अमीरों के घर पुलिस सरकारी गाड़ी से जन्मदिन का केक पहुंचा रही है। बहुत बहादरी का काम कर रहा महिलाओंहाथ उठाकर। बकौल पुलिस विभाग इस मामले में प्रारंभिक जांच पर घटना की सत्यता स्थापित की गई है। उपनिरीक्षक सौरभ शर्मा को तुरंत निलंबित कर, विभागीय कार्यवाही शुरू की गई है।
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यह घटना उत्तर प्रदेश के ही बरेली की है। एक बच्चा फल की ठेली के पास खड़ा था, क्योंकि उसके पिता नहाने गए थे। तभी पुलिस वाले आए और डंडों से ताबड़तोड़ पीटना शुरू कर दिया। मासूम बच्चे को डंडे से बेरहमी से पीटा। शायद पुलिसवालों का अमीर के घर पहुंचाने वाले बर्थडे केक खत्म हो गया था, तो बच्चे को डंडों से पीटना शुरू कर दिया।
अब बताइए भला कोई इतना क्रूर कैसे हो सकता है? क्या यह बालक भेदभाव का शिकार हुआ? एक तरफ जहां पुलिस टीम केक लेकर घर पर पहुंच रही है, क्योंकि उसका पिता लेफ्टिनेंट है। वहीं, यह बच्चा इसलिए शिकार हुआ क्योंकि इसका पिता फल का ठेला लगाता है?
कायदे से इन सभी पुलिसवालों को 15 अगस्त के दिन परमवीर चक्र देना चाहिए। गरीबों पर बहादुरी जो दिखाई है।
Note...All Video from Social Media

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