ख़ान हर किसी के साथ सोए !

पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री के लेकर एक नई बात आजकल पाकिस्तान में हड़कंप मचाए हुए है। जी हां, ये बात है पाक क्रिकेटर इमरान खान और बेनज़ीर भुट्टो के शारीरिक नज़दीकियों को लेकर। ये ख़बर नव भारत टाइम्स में छपी है, जिसमें बताया गया है कि ऑक्सफोर्ड में पढ़ने के दौरान दोनों एक-दूसरे के बेहद क़रीब आए थे और इमरान की मां दोनों की शादी को लेकर रज़ामंद भी थीं लेकिन बात कुछ बन नहीं सकी। वो बेनज़ीर ही थीं, जिसने इमरान को लॉयन ऑफ लाहौर कहा था। खान और भुट्टो के बीच सेक्सुअल रिलेशन थे यह इस बात से भी पुख़्ता हो जाती है कि इमरान के एक दोस्त ने कहा था कि, खान हर किसी के साथ सोए थे।

ये सारी बातें इमरान की बायोग्राफी में क्रिस्टोफर स्टैनफर्ड ने लिखी हैं। ध्यान देने वाली बात है कि इस तरह की बातें शायद पाक में किसी प्रधानमंत्री को लेकर पहली बार सामने आई है, वो भी एक मुस्लिम कंट्री में जहां लोकतांत्रिक क़ानूनों की जगह इस्लामी कानून का वर्चस्व बरकरार है और इस तरह की बातें सामने आने के बाद क्या बवाल खड़ा होता है, ये तो बस इंतजार करने और देखने वाली बात होगी। जहां कि उस दिवंगत प्रधानमंत्री बेनज़ीर का पति अभी राष्ट्रपति हैं और इमरान जो इस बात को ग़लत ठहरा रहे हैं, वो भी एक राजनीतिक तंजीम गठित कर पाक राजनीति में एक अहम किरदार निभा रहे हैं।

किताब के हवाले से स्टैनफोर्ड के मुताबिक़ 1975जब बेनज़ीर 21साल की थीं और ऑक्सफोर्ड में सेकेंड यीअर में पढ़ती थीं तभी वो इमरान के क़रीब आईं। बेनज़ीर जहां एक ख़ुले दिमाग और प्रोग्रेसिव सोच वाली महिला थीं जिसने अपनी ज़िदगी का अधिकतर वक़्त पश्चिमी मुल्कों में गुजारा और इमरान ने अपनी शादी इंग्लैंड में ही जेमिमा से की थी। मतलब की दोनों एक खुले विचारों वाले शख़्सियत। इस ख़ुलासे ने पूरे पाकिस्तान में तहलका मचा दिया है। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है य़ा बस कहीं पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं, ये कहना ज़रा मुश्किल है क्योंकि बेनज़ीर अब स दुनिया में हैं नहीं और इमरान जिनकी बायोग्राफ़ी में इसका ख़ुलासा किया गया है, इस पूरी बात से इन्कार कर रहे हैं। लेकिन एक बात तो है कि इसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है, जो आने वाले समय में निश्चित ही एक नया गुल खिलागा। जो कभी दुनिया कि दूसरी पावरफुल महिला थी और पाक जैसे चरमपंथी सियासतदां मुल्क में एक महिला से जुड़ी इस बात का ख़ुलासा ही इस हवा को बवंडर की शक्ल देने को काफी।

5 comments:

  1. हाँ,बस इंतजार करने की जरुरत है .......क्या गुल खिलता है इस विवाद के बाद........आपके ब्लोग से एक अच्छी जानकारी तो मिलती ही है साथ मे विचार करने पर भी मजबूर करती है .........

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  2. लेकिन एक बात तो है कि इसने एक नए विवाद को जन्म दे दिया है, जो आने वाले समय में निश्चित ही एक नया गुल खिलागा।
    नवीन जानकारी से अवगत कराने का धन्यवाद अब तो नए खिलने वाले गुल की खबर का इंतजार है............

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  3. ऐसी baaten aksar ubharti rahti हैं ........... mashhoor लोगों के बारे में ............ थोड़े दिन का masaala होता है फिर सब बंद ......... किसी नए kisse की talaash ...............

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  4. बिखरे सितारे ! ७) तानाशाह ज़माने !
    पूजा की माँ, मासूमा भी, कैसी क़िस्मत लेके इस दुनियामे आयी थी? जब,जब उस औरत की बयानी सुनती हूँ, तो कराह उठती हूँ...

    लाख ज़हमतें , हज़ार तोहमतें,
    चलती रही,काँधों पे ढ़ोते हुए,
    रातों की बारातें, दिनों के काफ़िले,
    छत पर से गुज़रते रहे.....
    वो अनारकली तो नही थी,
    ना वो उसका सलीम ही,
    तानाशाह रहे ज़माने,
    रौशनी गुज़रती कहाँसे?
    बंद झरोखे,बंद दरवाज़े,
    क़िस्मत में लिखे थे तहखाने..

    Itnezaar hai'bikhre sitar' pe...ek jeevanee bayaan ho rahee hai..kuchh kishtonke baad kathaa nayika shayad khud ye lekhan apne haath me le le..kab? nahee pata..

    Aapko nimantri karne ke bahane,aapka aalej=kh padha..kya farq padta hai...ab jab benazeer hee zinda nahee...medea ko samsanikhez news chahiye hotee hai..ye to sach hai!

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  5. अक्सर तो यह बस स्टंट ही निकलता है!

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