बॉलीवुड की जुलिया रॉबर्ट्स

प्रीति जिंटा की तारीफों में आजकल उलझा हुआ हूँ। इसलिए बातें उनकी खूबसूरती की ही करूँगा। उनकी आँखें, जुल्फों और डिंपल वाली मुल्कान की तारीफ की जा सकती है। पर वह पारंपरिक तारीफ की श्रेणी में आएगा। कुछ इस तरह जैसे, हिंदी साहित्य के रीति काल में मंझन और जायसी की रचनाओं में नायिकाओं का नख-शिख का वर्णन। लेकिन प्रीति जिंटा इन सबसे अलग मुकाम पर है। उनमें आधुनिक नारी के संस्कार हैं, तो पारंपरिक स्त्री का चरित्र भी। बदलते समय के मुतिबक, बदलते नारी की छवि की झलक हमें प्रीति जिंटा में देखने को मिलती है। पहले उन्होंने फिल्मों की बदौलत पुरुषों की गुलाम दुनिया में अपनी उनमुक्तता साबित की। उसके बाद आईपीएल जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट में, जहां कई टीमों के मालिक दुनिया के अग्रणी धनकुबेर हैं, वहीं पंजाब की टीम की सह मालकिन होना यह साबित करता है कि महिलाएं किसी भी मायनें में पुरुषों से पीछे नहीं है। उनमें स्वाभिमान भी, आत्मसम्मान भी और आत्मविश्वास भी। मुश्किल परिस्थितियों से लड़ने का जज्बा भी। तभी तो उनकी टीम हारती रही, हार का मलाल हर किसी को होता है, पर हार की हताशा प्रीति के चेहरे पर कभी नजर नहीं आई। आजादी के बाद भी भारत में महिलाओं को जिस तरह पुरुषों ने गुड़िया समझना जारी रखा। उस एक छलावे की दीवार को राजनीति में इंदिरा गांधी ने तोड़ा। उनके राजनीतिक सहयोगियों ने गूंगी गुड़िया कहकर सिर्फ इंदिरा ही नहीं, बल्कि एक सहनशील और मर्यादित महिला को कमजोर आंकने की भूल की। बाद में वहीं सारे पारंपरिक मिथकों को तोड़ती नजर आई। हालांकि इतनी तारीफ प्रीति जिंटा की नहीं करुंगा पर हां, इतना जरूर है कि वह जहां भी हैं, अपनी इन्हीं खूबियों की बदौलत है, जो उन्हें दूसरों से बाकी अलग साबित करता है। सबसे जुदा और सबसे अनूठा। प्रीति जिंटा के बारे में कहने को तो बहुत कुछ कहा जाता है। पर उसे बताने के लिए अगली बार कुछ ज्यादा मेहनत करूंगा। इसलिए अंत में यही कहना चाहूंगा कि मैं शार्षक अलग नहीं सोच सका। यह काफी दिनों से मेरे जेहन में घर कर गई थी। अगली बार कोशिश करूंगा थोड़ी खोजबीन करूं। ताकि प्रीति के लिए कुछ अलग और नया कह सकूं। साहित्यिक अंदाज में कहूं तो प्रीति के लिए नए प्रतिमानों की तलाश कर सकूं।

3 comments:

  1. लगता है आप प्रीति जिंटा के प्रति क्रेजी हैं.

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  2. chandan bhai aapne to mere dil kee baat kah de hai .she is most daring women in indian society...chota shakilmamle me preeti zinta ne higawahi dee thee ..........i m biggest fan of preeti zinta

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