पंडितई की आड़ में देह की दलाली

आजकल चिरकुट बाबाओं की भरमार है। बाबा, संन्यास लेकर सभी तरह की मोह-माया से मुक्ति का ढोंग करते हैं। किस तरह करते हैं, आजकल बाबा लोग सेक्स रैकेट से लेकर कई विवादों में फंस रहे हैं, यह सबसे बड़ा सबूत है। यह सभी ने देखा भी है। बाबा लोग पंडितई की आड़ में दलाली करते नजर आए। महिलाओं के देह की दलाली। कल को अगर कोई बाबा अपना नाम दलाली बाबा रख लें तो कतई हैरानी नहीं होगी। जमाना बदल रहा है। पहले समलैंगिकता को वैधता मिली, हो सकता है देर-सबेर इस धंधे को भी वैधता मिल जाए। कई देशों या अपने यहां भी वेश्यालयों को सरकारी अनुमति देने की बात तो चल ही रही है। बाद में कानूनी संशोधन के जरिए यह भी किया जा सकता है कि सेक्स रैकेट चलाना अपराध नहीं है, एक पेशा या उद्योग है। इसे माना भी जाने लगे। पहले इच्छाधारी बाबा। नित्यानंदजी। हालांकि, आसाराम बापू को इस दर्जे में नहीं रखा गया है, पर उनकी जुबान से निकलने वाली गालियों की बरसात और दबंगई किसी से छिपी नहीं है। इसके अलावा हिंदुत्व के नाम पर लोगों को बरगलाने का ठेका भी शायद इन्हीं बाबाओं के नाम है। आतंकवाद का भी जिम्मा अब शायद ये अपने हाथों में लेने लगे हैं। साध्वी प्रज्ञा और तथाकथित शंकराचार्य दयानंद अभी जेल की हवा खा ही रहे हैं। फर्जी साईं बाबा, सत्य साईं बाबा...हाल में कृपालु महाराज के मंदिर में भगदड़ मची...इसके बाद कृपालु महाराज ने कहा कि मरने वालों को ईश्वर ने मारा है, न कि ये अव्यवस्था से मरे हैं...वैसे तो हरकोई ईश्वर की मर्जी से ही मरता है... हम हर समस्या के लिए ईश्वर को दोषी आसानी से ठहरा सकते हैं। इस तरह हम सभी बगैर परेशानी के इस दुनिया में रह सकते हैं। किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी। पर ऐसा है नहीं। हमारे सामने खाना रखा हो और हम हाथ से निवाला अपनी मुंह में न रखे तो इसके लिए हम भगवान को कैसे कसूरवार ठहरा सकते हैं, जनाब। इसके अलावा कई ऐसे मिसाल हमें आस-पास ही मिल जाएंगे। लेकिन इन सबके बावजूद धर्म के नाम पर ठगी कभी रुकती नहीं। लोग बरबस ही इन बाबाओं के शरण मे खिंचे चले आते हैं...आखिर क्यों? इसका जवाब अभी मुझे भी तलाशना है...

2 comments:

  1. वाकई, इन बाबाओं की करतूतों ने तो मानवता को शर्मसार कर दिया है, ये क्या मानवता का पाठ पढ़ायेंगे.

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  2. जनता कब समझेगी यह सब ?

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